Monday, April 15, 2013



कोई  है  जो  तुम्हे  जगा  रहा  है 
इक  नयी  दिशा  इक  नयी  राह  बता  रहा  है 
तुम  साथ  दो  न  दो ..वोह  दीवाना  ना  रुकेगा
मनज़िल  न  मिली .न  सही … राह  मैं  दम  तोड़  देगा …

वक़्त  है  गुज्जर  जाएगा 
फिर  शब्   है …फिर  सेहर  आयएगा
तुम !! हाँ  तुम !! मैं  तुमसे  पूछता  हूँ 
आने  वाले  कल  को  जवाब  क्या  दोगे
लड़खड़ाते   भूके   नंगे  भविष्य   से  क्या  कोहोगे

तुमने तो फैसला सुना दिया
इस देश  कुछ नहीं हो सकता बता दिया
चार फोटो लाइक की..दो तीन पोस्ट डाले और हो गया
पर जान लो आज जो  तुम सो गए सुनहरे भारत  का सपना भी सो गया 

परेशां तो  तुम  भी  हो विनीत …शिकायत  भी  करते  हो 
साथ  चलने  मैं आज  फिर  क्यूँ कदम  डगमगा  रहा  है
कोई  है  जो  तुम्हे  जगा  रहा  है
एक  नयी  दिशा  एक  नयी  राह  बता  रहा  है !!

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